Sat. May 4th, 2024

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आचार्य अनेकांत सागर जी महाराज ससंघ को चातुर्मास हेतु श्रीफल भेंट किये
संतों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने होंगे- पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
जैन समाज का गौरव प्रदीप जैन आदित्य ने झांसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन भरा
JPL किक्रेट टूर्नामेंट का शुभारंभ हुआ

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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने राष्ट्र गौरव चतुर्थ पट्टाचार्य श्री के वंदनार्थ पधाकर किया पद पक्षालन
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राजस्थान की पराक्रमी धरा सलूम्बर में सम्पन्न हुआ अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद का त्रिदिवसीय सप्तम राष्ट्रीय अधिवेशन
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तपस्वी सम्राट गुरुदेव की जन्मभूमि बना “दिव्यतीर्थ श्री शान्ति जिनायतन, सन्मति धाम”
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प्रसंग: स्मृति शेषअद्भुत- गुरु के अद्भुत शिष्य आचार्य श्री विद्यासागर जी
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मेरे “मन की बात” एक खुला पत्र…
मेरे “मन की बात” एक खुला पत्र…

राजेश जैन दद्दू – सर्वप्रथम, मैं स्पष्ट करना चाहता हुं की यह पत्र किसी कांग्रेस कार्यकर्ता का भारतीय जनता पार्टी के नेता को लिखा कोई राजनैतिक खेल नही बल्कि एक मतदाता की अपने मन पीड़ा प्रधानमंत्री को लिखी गई विचारों की अभिव्यक्ति है।
“अबकी बार 400 पार”, के नारे को पूरा करने की जिद ने शायद भारतीय लोकतंत्र एवं भारतीय संविधान विधी द्वारा स्थापित सभी विधायो को ध्वस्त करने के जज्बे को नया आयाम दिया है। कभी महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की बात करते है,कभी स्टेचू ऑफ यूनिटी का निर्माण कर सरदार वल्लभभाई पटेल की बात करते है,कभी राम राज्य की स्थापना के बात करते है,कभी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते है, कभी बाबा साहेब द्वारा बनाए गए भारतीय संविधान की बात करते है!और दूसरी तरफ लोकतंत्र को शर्मसार कर यह तस्वीर साफ करते है कि आपको मुददों को खत्म नही करना बल्कि उस विपक्ष को खत्म करना है जो इन मुद्दों को उठाकर जनता की आवाज को सुनिश्चित करता है।

प्रधानमंत्री जी जिस तरह माँ अहिल्या की नगरी इंदौर में लोकतांत्रिक मूल्यों को शासन की घुटी पर टांग कर कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार का फॉर्म वापिस करवा कर ,प्रदेश के भाजपा नेताओं ने आपसी श्रेय की रेस में इंदौर शहर को जिस तरह शर्मसार करा है, इसकी जवाबदेही तय करनी पड़ेगी। माँ अहिल्या ने सुशासन और न्याय की स्थापना कर इंदौर को पूरे विश्‍व पटल पर सुशोभित करा,इंदौर की पहचान उनके द्वारा स्थापित मूल्यों सिद्धांत से की जाती है। आज स्वच्छता में इंदौर कई वर्षों से अव्वल है और आगे भी रहेगा जिसका श्रेय जाता है हमारे सफाई मित्रो को और इंदौर की अनुशासित जनता को,बात जब इंदौर के मूल्यों की आती है, असूलों की आती है,हमारी इन्दोरियत की आती है तो सब एक होकर इंदौर के सम्मान को बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित रहते है।इंदौर केवल स्वास्थ्य, शिक्षा का केंद्र नही बल्कि मूल्यों और संस्कृति का भी केंद्र है।

राजनीतिक मर्यादाओं को लांघते हुए जिस नए भारत के निर्माण का सपना देखा जा रहा है वह निश्चित रूप से अस्वीकार है, मत का अधिकार भारत के संविधान द्वारा दिया गया सर्वोच्च नागरिक अधिकार होता है और उस अधिकार से वंचित रखने कि परीकल्पना से ही सरकार की लोकतांत्रिक नीयत का पता चलता है। इंदौर को अपने अधिकारों, मूल्यों, संस्कारों को सहजना आता है जिसका मूलभाव आने वाले समय मे देखने को मिलेगा। और इंदौर की जनता नोटा बटन दबाकर बी जे पी को नसीहत देकर इंदौर अपना परिचय देगा। विश्व जैन संगठन के राजेश जैन दद्दू का कहना है कि चुनाव आने वाले चुनावों के लिए नही बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए लड़े जाने चाहिए।

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मेरे “मन की बात” एक खुला पत्र…
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राजेश जैन दद्दू – सर्वप्रथम, मैं स्पष्ट करना चाहता हुं की यह पत्र किसी कांग्रेस कार्यकर्ता का भारतीय जनता पार्टी के नेता को लिखा कोई राजनैतिक खेल नही बल्कि एक मतदाता की अपने मन पीड़ा प्रधानमंत्री को लिखी गई विचारों की अभिव्यक्ति है।
“अबकी बार 400 पार”, के नारे को पूरा करने की जिद ने शायद भारतीय लोकतंत्र एवं भारतीय संविधान विधी द्वारा स्थापित सभी विधायो को ध्वस्त करने के जज्बे को नया आयाम दिया है। कभी महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की बात करते है,कभी स्टेचू ऑफ यूनिटी का निर्माण कर सरदार वल्लभभाई पटेल की बात करते है,कभी राम राज्य की स्थापना के बात करते है,कभी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते है, कभी बाबा साहेब द्वारा बनाए गए भारतीय संविधान की बात करते है!और दूसरी तरफ लोकतंत्र को शर्मसार कर यह तस्वीर साफ करते है कि आपको मुददों को खत्म नही करना बल्कि उस विपक्ष को खत्म करना है जो इन मुद्दों को उठाकर जनता की आवाज को सुनिश्चित करता है।

प्रधानमंत्री जी जिस तरह माँ अहिल्या की नगरी इंदौर में लोकतांत्रिक मूल्यों को शासन की घुटी पर टांग कर कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार का फॉर्म वापिस करवा कर ,प्रदेश के भाजपा नेताओं ने आपसी श्रेय की रेस में इंदौर शहर को जिस तरह शर्मसार करा है, इसकी जवाबदेही तय करनी पड़ेगी। माँ अहिल्या ने सुशासन और न्याय की स्थापना कर इंदौर को पूरे विश्‍व पटल पर सुशोभित करा,इंदौर की पहचान उनके द्वारा स्थापित मूल्यों सिद्धांत से की जाती है। आज स्वच्छता में इंदौर कई वर्षों से अव्वल है और आगे भी रहेगा जिसका श्रेय जाता है हमारे सफाई मित्रो को और इंदौर की अनुशासित जनता को,बात जब इंदौर के मूल्यों की आती है, असूलों की आती है,हमारी इन्दोरियत की आती है तो सब एक होकर इंदौर के सम्मान को बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित रहते है।इंदौर केवल स्वास्थ्य, शिक्षा का केंद्र नही बल्कि मूल्यों और संस्कृति का भी केंद्र है।

राजनीतिक मर्यादाओं को लांघते हुए जिस नए भारत के निर्माण का सपना देखा जा रहा है वह निश्चित रूप से अस्वीकार है, मत का अधिकार भारत के संविधान द्वारा दिया गया सर्वोच्च नागरिक अधिकार होता है और उस अधिकार से वंचित रखने कि परीकल्पना से ही सरकार की लोकतांत्रिक नीयत का पता चलता है। इंदौर को अपने अधिकारों, मूल्यों, संस्कारों को सहजना आता है जिसका मूलभाव आने वाले समय मे देखने को मिलेगा। और इंदौर की जनता नोटा बटन दबाकर बी जे पी को नसीहत देकर इंदौर अपना परिचय देगा। विश्व जैन संगठन के राजेश जैन दद्दू का कहना है कि चुनाव आने वाले चुनावों के लिए नही बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए लड़े जाने चाहिए।

आचार्य श्री पुलक सागर जी को तीर्थ दिवाकर उपाधी दी
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फेडरेशन ऑफ हुमड जैन समाज अंतराष्ट्रीय संगठन का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न
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आचार्यश्री का पड़गाहन कर ले जा रहे थे अपने निवास, हुआ आकस्मिक निधन

अजमेर जैन समाज के गुरु भक्त परिवार के श्रावक श्रेष्ठी का दुखद निधन से जैन समाज के लिए बेहद दुखद घटना ने हर समाज जन के हर हृदय को द्रवित…